मग्गा बाबा का चिट्ठाश्रम पुन: चालू



किसी भी काम को शुरु करने के लिये बोलना बंद करे और काम शुरु करे ! 


(गूगल बाबा ने इस ब्लाग को  बन्द कर दिया था , इस वजह से कोई पोस्टिंग   इतने दिन से नही हो पाई थी ! अब आज ब्लाग को उन्होने खोल दिया है ! अत: कोशीश रहेगी कि पहले की तरह चिट्ठाश्रम यथावत शुरु किया जा सके !)

मग्गाबाबा का प्रणाम !













12 comments:

  seema gupta

13 December 2008 at 12:59

खुशी हुई जानकर , यहाँ आ कर कुछ तो ज्ञान की बाते मन को अध्यात्मिक शान्ति प्रदान करती हैं
regards

  विवेक सिंह

13 December 2008 at 13:42

शुरू किया जाय . तखलिया !

  ghughutibasuti

13 December 2008 at 14:36

बढ़िया है । प्रणाम बाबा !
घुघूती बासूती

  महेन्द्र मिश्र

13 December 2008 at 14:56

खुशी हुई जानकर .

  राज भाटिय़ा

13 December 2008 at 16:45

बाबा जल्दी आओ. भगतो की भीड बढती जा रही है

  संजय बेंगाणी

13 December 2008 at 17:45

आश्रम का ताला खूल गया है, धूनी जमाओ.

  Gyan Darpan

13 December 2008 at 20:38

खुशी हुई जानकर कि आश्रम खुल गया है | अब ज्ञानवर्धक पोस्ट का इंतजार है |

  Smart Indian

13 December 2008 at 21:08

मग्गा बाबा की जय!
अरे बाबा, भक्तों की लाइन लगी हुई है आश्रम के बाहर, बाबा के अगले प्रवचन के इंतज़ार में!

  लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`

13 December 2008 at 21:47

मग्गा बाबा के प्रवचन पुन: आरँभ होँ - अकँप जलती दीप लौ बहुत अच्छी लगी

  Abhishek Ojha

14 December 2008 at 02:12

हम आश्रम के नियमित विजिटर हैं. बिना नोटिस बंदी ठीक नहीं... जल्दी से अगली पोस्ट लाइए.

  दीपक "तिवारी साहब"

18 December 2008 at 12:37

मग्गा बाबा की जय हो ! बाबाजी कुछ बोल वचन सु्नाईये !

  दिलीप कवठेकर

26 December 2008 at 23:24

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