एक अचूक कायाकल्प विधि

हमने अभी पिछले सप्ताह ही भोलेनाथ की कथा को विराम दिया था ! और अनायास ही महान योगी भरथरी की चर्चा चल निकली ! असल में नाथ सम्प्रदाय में अनेको महानयोगी हुए हैं ! उनमे से कुछ योगियों जैसे गुरु मत्स्येन्द्र नाथ , गुरु गोरख नाथ आदि की चर्चा, आने वाले दिनों में करेंगे ! ऐसा मेरा सोचना है ! कल के गर्भ में क्या है ? शायद कोई भी नही जानता !

आज तो मेरे मन में अचानक एक सिद्ध महात्मा द्वारा बताया एक स्वास्थयवर्धक
नुस्खा याद आगया ! मैंने सोचा आपसे भी साझा कर लूँ ! वैसे स्वस्थ शरीर के बिना कोई भी अध्यातम के मार्ग पर भी नही चल सकता ! असल में अगर कोई अध्यात्मके मार्ग पर चलना चाहता है तो उसे जवानी में ही शुरू करना पङता है ! क्योंकि साधनामें भी शारीरक शक्ति लगती है ! और जो सोचते हैं की बुढापे में कर लेंगे वो कभी नही करपाते ! उनका कई जन्मो का बुढापा निकल जाता है ! खैर ये सब चर्चा तो हम कभी भी आगे पीछे कर लेंगे ! अब मतलब की बात !

महात्मा ने दो नुस्खे बताए थे और वो इस प्रकार है !

पहला- अपनी उम्र के बराबर मेथीदाना गिनकर ले ! सुबह खाली पेट खूब चबाकर खा ले ! अगर शाम को लेना हो तो पानी से गटक ले !

फायदा : सदैव निरोगी, चुस्त, मधुमेह दूर, जोडो का दर्द गायब, रक्त चाप में गजब का सुधार, एवं अनेक रोगों से बचाव होगा ! यानी की कोई भी बीमारियाँ पास नही फटकेगी ! ओज कान्ति, चहरे पर चमक एवं दीर्घायु होंगे !

यह नुस्खा कायाकल्प का विकल्प है ! और जिन सज्जनों को अगर सम्पूर्ण कायाकल्प की सहज विधि जाननी हो ! जो घर में ही की जा सकती है बिना किसी झंझट के ! उनको वह नुस्खा बता देंगे ! पर इस विधि को सहज समझकर अनदेखी नही करे ! इससे आपको बुढापा कभी नही आयेगा ! यानी शारारिक थकावट कभी नही आयेगी ! साँसे तो ऊपर वाले की अमानत हैं ! उसका कोई कुछ नही कर सकता !

दूसरा- छोटे व् नासमझ की हमेशा सहायता करो ! स्वयं महान होकर भी लघुता को धारण करो , जिससे प्रभुता पचाई जा सके !

दोनों फार्मूले टेस्टेड हैं ! आप उपयोग करके देखे ! आपका तन और मन दोनों सुंदर, स्वस्थ और निरोगी हो जायेंगे ! कुछ संदेह हो तो आप पूछ सकते हैं ! पहला फार्मूला तन एवं दूसरा मन स्वस्थ करने के लिए है ! हमेशा ही उपयोग करने की आदत डाल ले !

मग्गाबाबा का प्रणाम !

9 comments:

  Shiv

2 September 2008 at 18:00

कायाकल्प की दोनों विधियां नोट कर ली हैं. इन्हें आजमाकर देखता हूँ. बहुत धन्यवाद इस जानकारी के लिए.

प्रणाम.

  PREETI BARTHWAL

2 September 2008 at 18:39

जानकारी के लिए धन्यवाद

  सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी

2 September 2008 at 19:33

नुस्खा आजमाने की कोशिश करते हैं। बताने के लिए धन्यवाद...।

  राज भाटिय़ा

2 September 2008 at 21:05

बहुत ही अच्छी जानकारी दी हे आप ने आज से ही शुरु पहला नुस्खा, दुसरे वाला तो मेरे बापू जी ने बचपन मे ही मेरे दिमाग मे डाल दिया था,
ऎसी अच्छी जानकारी आम लोगो के बहुत काम आती हे ओर दुसरे वाली जानकारी हमारे देश के लिये बहुत उप्योगी हे,
धन्यवाद बाबा जी
राम राम

  Smart Indian

3 September 2008 at 07:15

मग्गा बाबा की जय!
बहुत खूब नुस्खे हैं! हमारी तो किस्मत खुल गयी महाराज! जितने बुढ्ढे होने थे हो लिए - अब और न होते!

  seema gupta

3 September 2008 at 11:15

" wah dono hee nuskhe apnaney ke layek hain, or hum bhee jrur apnane walen hain. itnee ghyan verdhak jankaree ke liye aapka shukriya"

Regards

  जितेन्द़ भगत

3 September 2008 at 17:54

बाबा, आपके नुस्‍खे से शायद अब मेरी हालत में कुछ सुधार हो जाए।

  Ashok Pandey

3 September 2008 at 20:45

हमने भी दोनों नुस्‍खों की गांठ बांध ली। धन्‍यवाद।

  अनूप शुक्ल

14 September 2008 at 19:38

धन्य हैं आप ताऊ!

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